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अब परिषदीय विद्यालयों के बच्चे भी चलाएंगे कम्प्यूटर
बरेली। परिषदीय विद्यालयों के बच्चे भी अब कम्प्यूटर चलाते नजर आएंगे इसके लिए एनसीआरटी ने कक्षा 6,7,8 की विज्ञान की पुस्तकों में पाठ्यक्रम में बदलाव कर कम्प्यूटर से सम्बन्धित सामग्री को जोड़ा गया है ताकि बच्चे आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के विषय में दक्ष हो सकें।
उत्तर प्रदेश कोआपरेटिव बैंक लिमिटेड लखनऊ द्वारा संचालित एग्रीकल्चर कोआपरेटिव स्टाफ ट्रैनिंग इंस्टीट्यूट में डिजिटल लिटरेसी,कम्पयूटेंशन थिंकिंग कोडिंग एवम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का पांच दिवसीय प्रशिक्षण सोमवार से प्रारम्भ हुआ जिसमे बरेली जनपद से डायट प्रवक्ता फरीदपुर सावित्री यादव, दमखोदा ब्लाक के एकेडमिक रिसोर्स पर्सन बलवीर सिंह, शेरगढ़ ब्लाक के एकेडमिक रिसोर्स पर्सन ओम कुमार सक्सेना,सीमा कश्यप ने प्रतिभाग किया।
प्रशिक्षण के विषय में बरेली के एआरपी ओम सक्सेना ने बताया कि आज के युग में कम्प्यूटर शिक्षा अत्यन्त जरूरी है यह युग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का युग है। उन्होंने बताया कि यह प्रशिक्षण जनपद के उच्च प्राथमिक एवं संविलियन विद्यालयों के एक-एक अध्यापक को दिया जायेगा जिससे जनपद के कक्षा 6,7,8 में अध्यनरत बच्चे लाभान्वित होंगे।
कोहरे के मौसम के दौरान सुचारु रुप से ट्रेन संचालन सुनिश्चित करने के लिए होगा फाग सेफ डिवाइस का इस्तेमाल
बरेली। भारतीय रेलवे द्वारा कोहरे के मौसम के दौरान सुचारु रुप से ट्रेन संचालन सुनिश्चित करने के लिए सम्पूर्ण भारतीय रेलवे पर 19742 फाग सेफ डिवाइस का प्रावधान किया गया है।
पूर्वाेत्तर रेलवे पर कुल 1091 फाग सेफ डिवाइस का प्रावधान किया गया गया है जिसमें इज्जतगनर मण्डल को 268 फाग सेफ डिवाइस उपलब्ध कराया गया है। फाग सेफ डिवाइस से ट्रेन सेवाओं की विश्वसनीयता बढ़ती व विलम्बन कम होता है तथा समग्र सुरक्षा एवं संरक्षा सुनिश्चित करता है।
प्रति वर्ष कोहरे के मौसम में उत्तर भारत में गाड़ियों का संचलन प्रभावित होता है। जी.पी.एस. आधारित फाग सेफ डिवाइस सभी प्रकार के सिंगल लाइन, डबल लाइन, विद्युतीकृत और गैरविद्युतीकृत रेल खण्डों पर सभी प्रकार के विद्युत एवं डीजल इंजनों, ई.एम.यू./मेमू/डेमू गाड़ियों के लिये उपयुक्त है, जो घने कोहरे में गाड़ी चलाने में काफी उपयोगी है। लोको पायलट को यह डिवाइस निर्धारित लैंड मार्क जैसे सिगनल, समपार फाटक, स्थाई गति अवरोधक, न्यूट्रल सेक्शन की आनबोर्ड रियल टाइम इन्फार्मेशन उपलब्ध कराता है तथा 500 मीटर के आगे आने वाले तीन निर्धारित लैंड मार्क की सूचना वायस मैसेज के साथ प्रदर्शित करता है।
इस डिवाइस में 18 घंटे के लिए इन-बिल्ट रीचार्जेबल बैटरी बैकअप का प्रावधान किया गया है। यह डिवाइस आकार में छोटा, वजन में हल्का व मजबूत बनाया गया है, जिसे लोको पायलट अपनी ड्यूटी शुरु करने पर अपने साथ आसानी से इंजन तक ले जा सकते हैं तथा इसे इंजन के कैब डेस्क पर आसानी से रख सकते हैं।
इज्जतनगर मंडल पर कोहरे के समय में दृश्यता कम होती है, जिससे इस आधुनिक फाग सेफ डिवाइस की सहायता से गाड़ियों का संचालन सुरक्षित एवं संरक्षित ढ़ंग से किया जा रहा है। यह आधुनिक फाग सेफ डिवाइस कोहरा, बारिस या धूप जैसे मौसम में भी कार्यशील रहता है, जिससे गाड़ियों की सुरक्षा तथा संरक्षा बढ़ जाती है।
अब रोहिलखण्ड यूनिवर्सिटी छात्र एग्रीकल्चर से कर सकेंगे बीएससी और एमएससी
बरेली। महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय में छात्र एग्रीकल्चर से बीएससी और एमएससी कर सकेंगे। एग्रीकल्चर में भविष्य बनाने वाले छात्रों को अब मेरठ, पंतनगर या फिर हरियाणा की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। वहीं अमेरिका की मेसाचुसेट्स यूनिवर्सिटी में अब रुहेलखंड विश्वविद्यालय के छात्र अध्ययन और शोध कर सकेंगे। दोनों के मध्य तकनीकी स्थानांतरण और शैक्षणिक एमओयू हुआ।
इस दौरान मैसाचुसेट्स यूनिवर्सिटी के प्रो. ओपी धनखड़ ने रुहेलखंड विश्वविद्यालय का दौरा भी किया।एमओयू तकनीकी समझौते पर हस्ताक्षर प्रो. एसएस बेदी, प्रो. सुधीर कुमार, प्रो. उपेन्द्र कुमार, प्रो. नवीन और प्रो. एसके पांडेय ने किए। कुलपति प्रो. केपी सिंह ने बताया कि मैसाचुसेट्स यूनिवर्सिटी में अध्ययन और शोध कार्यों के लिए विद्यार्थियों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। पादप विज्ञान विभाग और डायरेक्टरेट ऑफ इंटरनेशनल रिलेशनशिप के संयुक्त तत्वाधान में कार्यक्रम हुआ। विभाग अध्यक्ष प्रो. आलोक श्रीवास्तव ने तकनीकी हस्तांतरण के लिए मेसाचुसेट्स यूनिवर्सिटी को धन्यवाद भी दिया। प्रो. उपेंद्र कुमार ने बताया कि मैसाचुसेट्स यूनिवर्सिटी विश्व रैंकिंग में 21वें नंबर पर है। संकाय अध्यक्ष प्रो. संजय कुमार गर्ग, डॉ. अतुल कटियार, प्रो. जेएन मौर्य, प्रो. भोले खान, डॉ. विजय कुमार सिंहाल, डॉ. पंकज अरोरा, डॉ. ललित पांडेय, तपन वर्मा, रॉबिन बालियान मौजूद रहे।
रुहेलखंड विश्वविद्यालय में कृषि संकाय खोलने के लिए विद्या परिषद की बैठक में पिछले वर्ष स्वीकृति मिल गई थी। इसके बाद यह तय हो गया था कि 2024-25 के सत्र में कृषि संकाय शुरू हो जाएगा। बैचलर डिग्री के रूप में बीएससी एजी, बीएससी इन फिशरीज साइंस, बीएससी इन प्लांट पैथालोजी, बीबीए इन एग्रीकल्चर, कृषि रसायन, खेती तकनीकी, कृषि उद्यान, फल विज्ञान, फसल विज्ञान आदि। मास्टर डिग्री में एमएससी कृषि, उद्यान के अलावा एमएससी कृषि के बाद पीएचडी करने का भी मौका विश्वविद्यालय उपलब्ध कराएगा। शिक्षकों और स्टाफ की भर्ती होगी।
रुहेलखंड विश्वविद्यालय में कृषि सकाय जुलाई 2024 से अस्तित्व में आ जाएगा। बीएसएसी-एजी और एमएससी-एजी की कक्षाएं शुरू होंगी। विद्यार्थियों को कृषि के क्षेत्र में विश्वविद्यालय भविष्य बनाने के लिए पूरी सुविधा देगा।
बॉयलर की खामी दूर करने को चौबीस घंटे बन्द रहेगी सेमीखेडा मिल
किसानों का आरोप बुधवार को बन्द रही मिल। मिल प्रबन्धन ने नकारा कहा चालू है मिल।
देवरनियां। किसान सहकारी चीनी मिल को अपग्रेड करने की चल रही कबायद के बीच मिल के बॉयलर नम्बर दो की खामी को ठीक करने के लिए वृहस्पतिवार से चौबीस घंटे के लिए मिल का पेराई सत्र बन्द किया जाएगा। इस बीच किसानों ने आरोप लगाया कि बुधवार को मिल खामी की वजह से बंद रही।
किसान सहकारी चीनी मिल सेमीखेडा प्रबंधन किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए 43.58 करोड़ से मिल को अपग्रेड कराने मे लगा हुआ है। मिल प्रबंधन की ओर से किसानों को बताया गया कि वृहस्पतिवार सांय छह बजे से शुक्रवार सांय छह बजे तक बायरल नम्बर दो मे आई खराबी दूर करने के लिए मिल बंद रहेगी इस बीच गन्ना तौल भी नहीं होगी।
इधर मिल यार्ड मे जमा कुछ किसानों ने आरोप लगाया कि बुधवार को मिल पुरे दिन बंद रही। जबकि मिल प्रबंधन ने किसानों के इस आरोप को बेबुनियाद बताया है। कुमार मनीष ने बताया कि मिल चालू है।
आधुनिक चिकित्सा प्रणाली में कैंसर अब लाइलाज नहीं : डॉ सज्जन राजपुरोहित
अनंत वास्तु कार्यालय पर स्वास्थ्य चर्चा में बीएल कपूर मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉक्टर सज्जन राजपुरोहित टीम के साथ रहे उपस्थित,
बरेली। राजेंद्र नगर स्थित अनंत वास्तु कार्यालय पर उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार संगठन द्वारा कैंसर पर जागरूकता हेतु एक परिचर्चा का आयोजन किया गया।
बीएल कपूर मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ सज्जन राजपुरोहित
इस परिचर्चा में दिल्ली के बीएल कपूर मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉक्टर सज्जन राजपुरोहित मुख्य रूप से उपस्थित रहे। परिचर्चा में कैंसर विशेषज्ञ डॉक्टर सज्जन राजपुरोहित ने उपस्थित लोगों को बताया कि आजकल की आधुनिक चिकित्सा प्रणाली में अब कैंसर का उपचार काफी आसान हो गया है और पहले की तुलना में अब मरीज़ भी बहुत तेजी से ठीक हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अब कैंसर एक ऐसी बीमारी नहीं रह गई कि जो लाइलाज हो। एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने बताया कि कैंसर होने का एक विशेष कारण लोगों के जीवन में आजकल सबसे ज्यादा उपयोग में आने वाला फास्ट फूड भोजन भी है। तुलना बताते हुए उन्होंने बताया कि पश्चिम के देशों में कैंसर एक बहुत बड़ी बीमारी बन चुका है क्योंकि भारत की तुलना में पश्चिमी देशों में फास्ट फूड का चलन काफी ज्यादा है।
उन्होंने बताया कि 70% से अधिक मामले कैंसर के धूम्रपान की वजह से भी सामने आते हैं, इसलिए धूम्रपान कैंसर का एक बड़ा कारण है।
डॉ सज्जन ने विशेष तौर से लोगों को जागरुक होने पर जोर देते हुए कहा कि कोरोना जैसी बड़ी महामारी के बाद आज हम सभी को बीमारियों और उनके इलाज के प्रति जागरुक होना बहुत आवश्यक है लेकिन खुद डॉक्टर बनने से बचें। खासतौर से माता – पिता को बच्चों के खानपान का सही खयाल रखना बहुत जरूरी है। परिचर्चा में उपस्थित कई गणमान्य व्यक्तियों ने डॉ सज्जन राजपुरोहित से सवाल कर बीमारियों और उनके इलाज के लिए जानकारी प्राप्त की।
इस अवसर पर व्यापार संगठन के जिला अध्यक्ष अनिल अग्रवाल, महानगर अध्यक्ष मनीष अग्रवाल, महानगर महामंत्री अमित शर्मा, सौ फूटा इकाई अध्यक्ष रवि तोमर, संस्कार स्कूल के निदेशक आलोक प्रकाश, उपजा प्रेस क्लब के अध्यक्ष डॉ पवन सक्सेना एवं सचिव आशीष जौहरी, बीएल कपूर मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के सेल्स एंड मार्केटिंग कंट्री हेड अजय मेहरोत्रा, नॉर्थ इंडिया हेड मुदित त्यागी, धर्मेंद्र गुप्ता, पारस अग्रवाल, वैभव सक्सैना, सचिन खंडेलवाल, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष संजय सिंह, गंगा चरण ग्रुप के निदेशक डॉ प्रमेंद्र माहेश्वरी आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे। परिचर्चा का संचालन देवेंद्र तिवारी ने किया। कार्यक्रम उपरांत उ0प्र0 उद्योग व्यापार संगठन की ओर से जिलाध्यक्ष अनिल अग्रवाल एवं महानगर अध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने डॉ सज्जन राजपुरोहित को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया।
